देवानंद की जीवनी
देवानंद का जन्म पंजाब के गुरदासपुर ज़िले में 26 सितंबर, 1923 को हुआ था. उन्होंने अंग्रेजी साहित्य में अपनी स्नातक की शिक्षा 1942 में पूरी की. लगभग एक वर्ष तक मिलिट्री सेन्सर में नौकरी करने के बाद वह अपने बड़े भाई चेतन आनंद के पास मुंबई आ गए. चेतन आनंद भारतीय जन नाटय संघ इप्टा से जुड़े हुए थे. देव आनंद को भी अभिनय पसंद था। इस लिए देव भी इप्टा में शामिल हो गया।
देव आनंद को अशोक कुमार का अभिनय देखके फिल्मों में काम करने का इरादा आया। देव आनंद को पहला काम 1946 में प्रभात स्टूडियो की फिल्म ‘हम एक हैं’ में मिला. वर्ष 1948 में प्रदर्शित फिल्म “जिद्दी” देव आनंद के फिल्मी कॅरियर की पहली हिट फिल्म थी। इस फिल्म की कामयाबी के बाद उन्होंने फिल्म निर्माण के लिए नवकेतन बैनर की स्थापना की. नवकेतन के बैनर तले उन्होंने वर्ष 1950 में अफसर का निर्माण किया। अफसर का निर्देशन चेतन आनंद ने किय। नवकेतन की अगली फिल्म बाजी के निर्देशन की जिम्मेदारी गुरूदत्त को सौंप दी गयी। बाजी फिल्म सफल हुयी। इस सफलता के बाद देव आनंद फिल्म इंडस्ट्री में एक अच्छे अभिनेता के रूप में शुमार होने लगे. देव आनंद ने मुनीम जी, दुश्मन, कालाबाजार, सी.आई.डी, पेइंग गेस्ट, गैम्बलर, तेरे घर के सामने, काला पानी जैसी कई सफल फिल्मों में किया।
एक गाने की शूटिंग के दौरान देव आनंद और सुरैया की नाव पानी में पलट गई जिसमें उन्होंने सुरैया को डूबने से बचाया. इसके बाद सुरैया देव आनंद से बेइंतहा मोहब्बत करने लगीं लेकिन सुरैया की दादी की इजाजत न मिलने पर यह जोड़ी शादी कर नहीं सकी। वर्ष 1954 में देव आनंद ने अभिनेत्री कल्पना कार्तिक से शादी कर ली.
देव आनंद ने हॉलीवुड के सहयोग से हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में फिल्म गाइड का निर्माण किया जो देव आनंद के सिने कॅरियर की पहली रंगीन फिल्म थी. इस फिल्म के लिए देव आनंद को उनके जबर्दस्त अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्म फेयर पुरस्कार भी दिया गया. फिल्म प्रेम पुजारी के साथ देव आनंद ने निर्देशन के क्षेत्र में भी कदम रख दिया. इसके बाद वर्ष 1971 में फिल्म हरे रामा हरे कृष्णा का भी निर्देशन किया। इस फिल्म अच्छा चली। इनके निर्देशन में आया फिल्मों में हीरा पन्ना, देश परदेस, लूटमार, स्वामी दादा, सच्चे का बोलबाला, अव्वल नंबर फिल्में सफल हुई।
देव आनंद ने कई फिल्मों की पटकथा भी लिखी. जिसमें वर्ष 1952 में प्रदर्शित फिल्म आंधियां के अलावा हरे रामा हरे कृष्णा, हम नौजवान, अव्वल नंबर, प्यार का तराना, गैंगेस्टर, मैं सोलह बरस की, सेन्सर आदि फिल्में शामिल हैं.
देवानंद नई अभिनेत्रियों को पर्दे पर उतारने के लिए मशहूर हो गए. हरे रामा हरे कृष्णा के ज़रिए उन्होंने ज़ीनत अमान की खोज की और टीना मुनीम, नताशा सिन्हा व एकता जैसी अभिनेत्रियों को मैदान में उतारने का श्रेय भी देव आनंद को जाता है.
देव आनंद सन 2011 तक फिल्मों में काम किय। सन 2011 में लंदन में उनका देहांत हुआ।
देवानंद की जीवनी - वीडियो
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देव आनंद फिल्मे - यूट्यूब वीडियों
देवानंद का जन्म पंजाब के गुरदासपुर ज़िले में 26 सितंबर, 1923 को हुआ था. उन्होंने अंग्रेजी साहित्य में अपनी स्नातक की शिक्षा 1942 में पूरी की. लगभग एक वर्ष तक मिलिट्री सेन्सर में नौकरी करने के बाद वह अपने बड़े भाई चेतन आनंद के पास मुंबई आ गए. चेतन आनंद भारतीय जन नाटय संघ इप्टा से जुड़े हुए थे. देव आनंद को भी अभिनय पसंद था। इस लिए देव भी इप्टा में शामिल हो गया।
देव आनंद को अशोक कुमार का अभिनय देखके फिल्मों में काम करने का इरादा आया। देव आनंद को पहला काम 1946 में प्रभात स्टूडियो की फिल्म ‘हम एक हैं’ में मिला. वर्ष 1948 में प्रदर्शित फिल्म “जिद्दी” देव आनंद के फिल्मी कॅरियर की पहली हिट फिल्म थी। इस फिल्म की कामयाबी के बाद उन्होंने फिल्म निर्माण के लिए नवकेतन बैनर की स्थापना की. नवकेतन के बैनर तले उन्होंने वर्ष 1950 में अफसर का निर्माण किया। अफसर का निर्देशन चेतन आनंद ने किय। नवकेतन की अगली फिल्म बाजी के निर्देशन की जिम्मेदारी गुरूदत्त को सौंप दी गयी। बाजी फिल्म सफल हुयी। इस सफलता के बाद देव आनंद फिल्म इंडस्ट्री में एक अच्छे अभिनेता के रूप में शुमार होने लगे. देव आनंद ने मुनीम जी, दुश्मन, कालाबाजार, सी.आई.डी, पेइंग गेस्ट, गैम्बलर, तेरे घर के सामने, काला पानी जैसी कई सफल फिल्मों में किया।
एक गाने की शूटिंग के दौरान देव आनंद और सुरैया की नाव पानी में पलट गई जिसमें उन्होंने सुरैया को डूबने से बचाया. इसके बाद सुरैया देव आनंद से बेइंतहा मोहब्बत करने लगीं लेकिन सुरैया की दादी की इजाजत न मिलने पर यह जोड़ी शादी कर नहीं सकी। वर्ष 1954 में देव आनंद ने अभिनेत्री कल्पना कार्तिक से शादी कर ली.
देव आनंद ने हॉलीवुड के सहयोग से हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में फिल्म गाइड का निर्माण किया जो देव आनंद के सिने कॅरियर की पहली रंगीन फिल्म थी. इस फिल्म के लिए देव आनंद को उनके जबर्दस्त अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्म फेयर पुरस्कार भी दिया गया. फिल्म प्रेम पुजारी के साथ देव आनंद ने निर्देशन के क्षेत्र में भी कदम रख दिया. इसके बाद वर्ष 1971 में फिल्म हरे रामा हरे कृष्णा का भी निर्देशन किया। इस फिल्म अच्छा चली। इनके निर्देशन में आया फिल्मों में हीरा पन्ना, देश परदेस, लूटमार, स्वामी दादा, सच्चे का बोलबाला, अव्वल नंबर फिल्में सफल हुई।
देव आनंद ने कई फिल्मों की पटकथा भी लिखी. जिसमें वर्ष 1952 में प्रदर्शित फिल्म आंधियां के अलावा हरे रामा हरे कृष्णा, हम नौजवान, अव्वल नंबर, प्यार का तराना, गैंगेस्टर, मैं सोलह बरस की, सेन्सर आदि फिल्में शामिल हैं.
देवानंद नई अभिनेत्रियों को पर्दे पर उतारने के लिए मशहूर हो गए. हरे रामा हरे कृष्णा के ज़रिए उन्होंने ज़ीनत अमान की खोज की और टीना मुनीम, नताशा सिन्हा व एकता जैसी अभिनेत्रियों को मैदान में उतारने का श्रेय भी देव आनंद को जाता है.
देव आनंद सन 2011 तक फिल्मों में काम किय। सन 2011 में लंदन में उनका देहांत हुआ।
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